शहर की स्वस्थता के लिए क्या करें ?

MIthagar

भारत में नमक विभाग वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है. इसकी अध्यक्षता नमक आयुक्त करते हैं और इसका मुख्यालय जयपुर में है. नमक विभागका मुख्य कार्य नमक के उत्पादन, आपूर्ति और वितरण पर नियंत्रण रखना है, साथ ही नमक से संबंधित सभी नियामक प्रावधानों को लागू करना है.

इसके अलावा, यह विभाग नमक मजदूर आवास योजना के तहत नमक कर्मियों के लिए मकान बनवाने और आयोडाइज्ड नमक के उत्पादन, वितरण और गुणवत्ता नियंत्रण की निगरानी भी करता हैं.

मिरा भाईंदर क्षेत्र अरब समुंदर के पूर्व में बसा बसा हैं. यहांपर एक समय नाना बंदर खाड़ी, मोटा बंदर स्थित मुर्धा खाड़ी, भाठी आगर स्थित मोरवा खाड़ी जो सनख़ाई आगर होते हुए मिरारोड पश्चिम से पूर्व तक बहती हैं. इस तरह की भौगोलिक अनुकूलता के कारण मिरारोड भाईंदर में नमक उद्योग को प्रोत्साहन मिला.

आज मिरा भाईंदर क्षेत्र का नमक उद्योग मृतप्राय अवस्था में हैं. बढ़ता शहरिकारण के कारण यह उद्योग अब बंद होनेके करार पर हैं. शहर नजदीक की खाड़ी गटरों में तब्दील हो चुकी हैं. जो बची हैं वो गटरों के पानी से गंदी हो चुकी हैं. ऐसे शिलोत्री जैसे छोटे नमक उत्पादको को सरकार ने सब्सिडी देने का समय आ गया हैं. यही ये लोग हैं जिन्होंने देश की नमक जरुरीयात को पूरी की हैं.

आज भी आप देखोगे तो भाईंदर पश्चिम स्टेशन के सामने खंडहर अवस्था में साल्ट डिपार्टमेंट की ईमारत खड़ी हैं जिसपर मालिकाना हक़ केंद्र सरकार का हैं. यदि ये जगह का उपयोग बस के आवागमन के लिए किया जाय तो वहां की ट्रैफ़िक समस्या का समाधान हो सकता हैं. हमारे आमदार, खासदार यदि केंद्र से ये जगह की हस्तातरण की मांग करें तो जनहित में होगा.

इसके अलावा भायंदर सेकेंडरी स्कूल के आगे टोल नाका ईमारत और इर्दगिर्द का मैदान हैं, वो निक्कमा पड़ा हैं, जिसका उपयोग कोई रचनात्मक काम के लिए कर सकते हैं, जिसकी मांग स्थानीय प्रशासन ने केंद्र सरकार से करना आवश्यक हैं.

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About पत्रकार : सदाशिव माछी -"शिव सर्जन"

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