आप लोगोंने पद्म श्री बाबूराव गोविंदराव शिर्के का नाम सुना हैं. वे एक भारतीय व्यवसायी और बी.जी. शिर्के कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (बी.जी.एस.सी.टी.पी.एल) कंपनी के संस्थापक और अध्यक्ष थे.
शिर्के एक साधारण परिवार से थे. उनका जन्म ता : 1 अगस्त 1918 को सतारा जिले के वाई तालुका के पासरनी गाँव में हुआ था. ई. सन 1936 में धन और शैक्षिक सुविधाओं की कमी के बावजूद, उन्होंने वाई गांव के द्रविड़ हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की.
उन्होंने पुणे के “गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग” कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त की और पासरनी क्षेत्र के पहले सिविल इंजीनियर बने.
शिर्के ने ई. सन 1944 में सुप्रीम कंस्ट्रक्शन्स की शुरुआत की और 1945 में कोल्हापुर के जेल घर के निर्माण के लिए एक कुशल बिल्डर के रूप में मान्यता प्राप्त की. 1953 के बाद उनका व्यवसाय बढ़ते ही गया, जिसे 1972 के बाद, शिर्के ने अपनी आधिकारिक रूप से पंजीकृत कंपनी सिपोरेक्स के माध्यम से फारस की खाड़ी क्षेत्र में विस्तार किया.
1962 और 1981 के बीच, शिर्के किर्लोस्कर समूह द्वारा शुरू की गई कई परियोजनाओं में शामिल थे. उनके द्वारा पूरी की गई कुछ प्रमुख परियोजनाओं में मुंबई-बैंगलोर राजमार्ग, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन का बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स ग्राउंड , हिंजेवाड़ी आईटी पार्क और चेन्नई में विप्रो आईटी पार्क शामिल हैं.
शिर्के समूह ने महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में अनेक सरकारी परियोजनाओं का निर्माण किया है. एक उदाहरण के लिए सन 1994 में राष्ट्रीय खेलों के लिए बालेवाड़ी में श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण शामिल है.
भारत सरकार द्वारा बी.जी. शिर्के को विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके समर्पण के लिए 2003 में भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
बी.जी शिर्के कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड 3000 करोड़ रुपये से अधिक का समूह है, उन के पास लाखों वर्ग फुट का निर्माण कार्य है, जिसमें बड़े पैमाने पर आवास परियोजनाएं, पूल, प्रशासनिक सुविधाएं, हवाई अड्डे, सड़कें, फ्लाईओवर, स्मारक, मनोरंजन मॉल और औद्योगिक परिसर शामिल हैं.
यह बहु-विषयक सिविल मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग संगठन हैं, जिसके अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी गठजोड़ और दस हज़ार से ज़्यादा कर्मचारियों की टीम है. पुणे के मुंधवा में 53 एकड़ में फैले अपने पूरी तरह सुसज्जित और एकीकृत संयंत्रों, कारखानों और अनुसंधान एवं विकास इकाई के साथ, कंपनी ने अपने संस्थापक अध्यक्ष के सपने को पूरी लगन से साकार करने में सफलता प्राप्त की है और आधुनिक भारत में समृद्धि का उत्प्रेरक बनी हुई है, तथा औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है.
समूह ने अब अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों में भी अपना विस्तार किया है, जिनमें शामिल हैं: पॉलीनॉर्म प्रेस्ड स्टील डोर्स, पोस्ट हार्वेस्ट उपकरण, आतिथ्य, ट्रांसमिशन टावर्स और विमानन.
बी.जी.एस.सी.टी.पी.एल. देश के पारिस्थितिकी तंत्रों, वनों व जल मार्गों की रक्षा और संरक्षण में भी वे सक्रिय भूमिका निभाता है. कंपनी 65 से ज़्यादा वर्षों से सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में स्थापित है.
कंपनी ने अब तक भारत और विदेशों में, सभी प्रकार की जलवायु परिस्थितियों और भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में, ‘3S’ प्रणाली का उपयोग करते हुए 2,00,000 से अधिक आवासीय इकाइयों का निर्माण किया है.
उनके तीन बच्चे हैं :
(1) विजय शिर्के,
(2) प्रताप शिर्के,
(3) अजय शिर्के.
श्री विजय शिर्के निर्माण व्यवसाय संभालते हैं.
श्री अजय शिर्के महाराष्ट्र क्रिकेट संघ से जुड़े हैं.
श्री प्रताप शिर्के व्यावसायिक कारणों से भारत से बाहर हैं.
हाल ही में, समय के साथ कदम ताल मिलाते हुए, बीजीएससीटीपीएलने बुनियादी ढाँचे के विकास में विविधता लाते हुए पुणे-सतारा-कोल्हापुर के बीच एनएच-4 पर दो सड़क परियोजनाएँ पूरी की हैं, जो “स्वर्णिम चतुर्भुज” का हिस्सा हैं, और पनवेल में एक सड़क परियोजना भी पूरी की है.
पद्म श्री बाबूराव गोविंदराव शिर्के का 92 साल की उम्र में ता : 14 अगस्त
2010 के दिन पुणे में निधन हुआ था.
