आप लोगोंने अक्सर देखा होगा कि कई लोग प्याज और लहसुन खानेसे परहेज करते हैं. इसके पीछेका कारण, आप लोगोंको पता हैं ? भगवद् गीता के अनुसार प्याज और लहसुन क्यों नहीं खाने चाहिए ? भगवद् गीता के अध्याय 17 के श्लोक 5 से 10 में, भगवान श्री कृष्ण तीन प्रकार के भोजन की बात करते हैं :
(1) सात्विक (शुद्ध),
(शुद्ध और मन को शांत करने वाला),
(2) राजसिक (सक्रिय),
(उत्तेजना बढ़ाने वाला), और
(3) तामसिक (नीरस).
(आलस्य, क्रोध, भ्रम पैदा करने वाला)
मान्यता है कि प्याज और लहसुन का सेवन करने से व्यक्ति के अंदर रक्त का प्रवाह बढ़ या घट जाता है. ऐसे में व्यक्ति को अधिक गुस्सा, अंहकार, उत्तेजना, विलासिता का अनुभव होता है. इसके साथ ही वह आलसी और अज्ञानी भी हो जाता है. इसी कारण ब्राह्मणों के अलावा पूजा पाठ करने वाले लोग इसका सेवन नहीं करते हैं.
कच्चा प्याज से आपको गैस की समस्या हो सकती है. ऐसे में यदि आप रात के समय इसका सेवन करते हैं तो समस्या ज्यादा बढ़ सकती है. इसमें फाइबर व पोषक तत्व होने के कारण रात में खाने से पाचन की समस्या भी
हो सकती है. इसलिए इसका सेवन रात को नहीं करना चाहिए.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, लहसुन और प्याज की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी जब राहु ने धोखे से अमृत पी लिया था. भगवान विष्णु ने राहु का सिर काट दिया, और अमृत की बूंदें जमीन पर गिरीं, जिससे लहसुन और प्याज का जन्म हुआ.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, लहसुन मध्य व दक्षिण एशियाका मूल निवासी है, जबकि प्याज का इतिहास ईरान और पश्चिमी पाकिस्तान से जुड़ा है, जहाँ इसकी खेती हज़ारों साल पहले शुरू हुई थी.
पौराणिक कथा :
समुद्र मंथन :
देवताओं और असुरों द्वारा समुद्र मंथन के दौरान अमृत निकला.
राहु का छल : राहु ने छल से देवताओं का रूप धारण करके अमृत पी लिया.
भगवान विष्णु का क्रोध : जब यह पता चला, तो भगवान विष्णु ने क्रोधित होकर राहु का सिर काट दिया.
अमृत की बूंदें : अमृत के प्रभाव से राहु का सिर अमर हो गया था, और उसके मुख से अमृत की कुछ बूँदें पृथ्वी पर गिरीं.
उत्पत्ति : इन अमृत की बूंदों से लहसुन और प्याज का जन्म हुआ.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण :
लहसुन का मूल स्थान मध्य और दक्षिण एशिया है, जिसमें काला सागर से लेकर काकेशस और उत्तरी-पूर्वी ईरान तक का क्षेत्र शामिल है.
यह भी माना जाता है कि प्याज की सबसे पहले खेती ईरान और पश्चिमी पाकिस्तान में हुई थी.
प्राचीन उपयोग :
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि प्याज की खेती 5,000 वर्षों से भी अधिक समय से हो रही है और यह प्रागैतिहासिक काल के लोगों के आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था.
प्याज खाने के नुकसान :
*** ज्यादा प्याज खाने से गैस, डकार और अपच की समस्या हो जाती है.
*** ज्यादा प्याज खाने से मुंह से तेज दुर्गंध आती है और कफ भी बनता है.
*** लहसुन और प्याज को साथ-साथ खाने से सिर में दर्द भी पैदा होता है और मस्तिष्क में कमजोर आ जाती है.
*** खाने से मन में बैचेनी बढ़ जाती है और आलस्य भी बढ़ जाता है.
*** यह कामेच्छा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ होते हैं. ये रक्त की चाल और हार्मोन्स को प्रभावित करते हैं.
*** प्याज को काटने भर से आंसु आते हैं और इसे कच्चा खाने से जिव्हा में जलन होती है. ( समाप्त )
