जाकी जैसी भावना…..
” जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी “अर्थात जिसकी जैसी दृष्टि होती है,उसे वैसी ही मूरत नज़र आती है. गो स्वामी तुलसीदास जी महाराज रचित इस चौपाई …
जाकी जैसी भावना….. Read Moreमेरे अनुभव की दुनिया
” जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी “अर्थात जिसकी जैसी दृष्टि होती है,उसे वैसी ही मूरत नज़र आती है. गो स्वामी तुलसीदास जी महाराज रचित इस चौपाई …
जाकी जैसी भावना….. Read More
आजकी तारीख मे दुनिया मे सबसे ज्यादा बोले जाने वाला शब्द हो तो वो ” मोबाइल ” है . कोई भी व्यक्ति जितनी बार अपने आराध्य देवता का स्मरण नहीं …
घूमता फिरता मनभावन मोबाइल| Mobile Phone Read More
भारतीय विज्ञानिको का नाम आते ही हमें श्री आर्यभट , श्री होमी जहांगीर भाभा. श्री प्रफुल चंद्र राय, श्री जगदीश चंद्र बसु ,श्री सलीम अली,श्री चंद्रशेखर वैंकट रामन , श्री …
प्राचीन वैज्ञानिक अगस्त्य ऋषि| Ancient scientist Agastya Rishi Read More
मुजे बरोबर याद है , सन 1975 का वो साल था जब मै बांद्रा पश्चिम सहकार भवन मे कपडोंकी शॉपिंग करने गया था. उस समय मैंने जिंदगी मे पहली बार …
मनोरंजन का साधन टेलीविज़न : यतित से आज और कल तक| Read More
आज मुजे बात करनी है , पारसमणि पथ्थर की जिसके छूने मात्र से लोहा सोना बन जाता है. बताया जाता है की यह पारसमणि पत्थर हिमालय की पहाड़ी …
पारसमणि से सोना तक | Parasmani Stone Read More
सुबह से सोच रहा था, आजके आर्टिकल का विषय क्या होना चाहिए ? अचानक मेरी उंगली नाक पर चली गयी. मन ही मन सोचने लगा मुजे विषय मिल गया, “नाक”. …
हमारे शरीर का अंग ” नाक “| Nose Read More
बॉयोस्कोप ( bioscope ) का एक सामान्य अर्थ होता है, चल चित्र दर्शी. आज मुजे आप लोगोसे बात करनी है , हमारी पुरानी सभ्यता चलता फिरता सिनेमा घर जो साठ …
बॉयोस्कोप से लेकर बड़े परदे की फ़िल्म| Biosope Read More
टेलीफोन टेक्नोलॉजी आज इतनी तेजी से आगे बढ़ गई हे की, मोबाइल विश्व का पहला अजूबा बनकर विश्व के सामने उभरकर आया है. मोबाइल एक छोटे बच्चों का खिलौना बन …
वैश्विक अजूबा : मनभावन मोबाइल| 21st Century Wonder – Mobile Phone Read More
कुदरत ने हर व्यक्ति को अलग, अलग गुण और ज्ञान दिया है. कोयल कूहू… कूहू…. करती है. चिड़िया ची ची करती है… बकरी बे…….बे….. करती है. पोपट पिट्टू….. करता है. …
चार संत और नाविक| Char Sant Aur Navik Read More
दृस्टि , स्पर्श , श्रवण , स्वाद , गंध ये सब अहसास, अनुभूति का विषय है. उसके बीना जीवन जिना मुश्किल हो जाता है. आज मुजे अंधजन प्रज्ञाचक्षु की व्यथा …
आंख और प्रज्ञाचक्षु | Eye Aankhen Read More